बुलढाणा के शासकीय निरीक्षण गृह में कार्यरत दुष्कर्मी केअरटेकर राजपुत को 5 साल की सज़ा,नाबालिग लडकों से करता था अश्लील हरकत व अनैसर्गिक कृत्य.

बुलढाणा-(11 दिसेंबर)-विगत 2 साल पहले बुलढाणा शहर पुलिस थाने में दाखिल अपराध की अंतिम सुनवाई में बुलढाणा कोर्ट ने आरोपी को पोक्सो कानून तथा जूनाइल जस्टिस अधिनियम की धाराओं को मद्देनजर रखते हुए आरोपी को 5 साल की सजा तथा 60 हजार रुपए का जुर्माना आज 11 दिसेंबर को ठोंका है.खास बात तो ये है कि आरोपी बुलढाणा के शासकीय निरीक्षण गृह/बालसुधार गृह में बतौर केअर टेकर कार्यरत था जो अपने कर्तव्य को भूल कर लड़कों के साथ ही अनैसर्गिक कृत्य की घटना को अंजाम दे रहा था.
     इस गंभीर मामले की शिकायत बुलढाणा शासकीय निरीक्षण गृह के अधीक्षक भाऊराव निमचंद राठोड ने 7 सितंबर 2017 को बुलढाणा शहर थाने में शिकायत दर्ज कराई जिसमे कहा गया कि,शासकीय निरीक्षण गृह के कर्मी केअर टेकर निवृत्ती बारिकराव राजपूत ने निरीक्षण गृह में रहनेवाले 2 लड़कों के साथ अश्लील हरकत करते हुए एक के साथ मे अनैसर्गिक संभोग किया है.अपराध दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपी को गिफ्तार किया था.बुलढाणा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होने के बाद कोर्ट में 16 लोगों की गवाही दर्ज की गई तथा सरकार पक्ष की तरफ से जिला सरकारी अभियोक्ता एड.वसंत भटकर ने प्रभावी रूप से अपनी बात कोर्ट के सामने पेश करते हुए आरोपी को अधिक सज़ा देने की मांग कोर्ट से की.इस मामले में आज 11 दिसेंबर को प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश
श्री.महेंद्र के.महाजन ने अंतिम निर्णय सुनाते हुए आरोपी को पोक्सो कानून की धारा 9,10 के लिए दोषी मानते हुए 5 साल की सज़ा व 10 हज़ार का जुर्माना तथा ज्वेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 75 के तहत 5 साल की सज़ा व 50 हज़ार का जुर्माना सुनाया है.दोनों सज़ा एकसाथ चलेगी जबकि जुर्माने का भुगतान ना करने पर 1 साल सज़ा आरोपी को भुगतना पडेगी. जुर्माने की रकम में से 25 हज़ार की राशि पीड़ित बालक को देने का फरमान भी दिया गया है.इस मामले की जांच बुलढाणा शहर थाने के पीएसआई मनोज सुरवाडे व व्यंकटराव कवास ने की जबकि कोर्ट में पुलिस कर्मी किशोर कांबले का सहकार्य मिला.

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