बुलढाणा - 3 अक्तुबर
पिछले पांच वर्षों से जनता के सुख-दुख में शामिल हो कर पूरे बुलढाणा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में अपनी अच्छी पकड बनाने के बाद बाद भाजपा-शिवसेना की युति होने पर ये सीट शिवसेना के खाते में चली गई इसी बात से नाराज़ हो कर भाजपा से इच्छुक योगेंद्र गोडे ने आज अपने हज़ारो समर्थकों की उपस्थिति में भव्य रैली निकाल कर अपना निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है.
विगत 2014 के विधानसभा चुनाव से कुछ ही दिन पहले दिवंगत पूर्व राज्यमंत्री डॉ. राजेंद्र गोडे के पुत्र योगेंद्र गोडे ने भाजपा में प्रवेश कर भजपा के टिकिट पर चुनाव लडा और अनापेक्षित रूप से भारी मत लेते हुए तीसरे स्थान पर रहे थे.निर्वाचन क्षेत्र की जनता से मिले इस प्रेम को देखते हुए डॉ. गोडे ने भी अपने स्तर पर सामाजिक कार्य को जारी रखा इसी आशा में कि, आगामी चुनाव में उन्हें फिर से भाजपा अपना प्रत्याशी बनाएगी किंतु वरिष्ठ स्तर पर भजपा-सेना में युति हो गई और बुलढाणा की सीट शिवसेना के खाते में चले गई. कार्यकर्ताओ के आग्रह को देखते हुए योगेंद्र गोडे ने युति नियम को दरकिनार रखते हुए शिवसेना प्रत्याशी संजय गायकवाड के खिलाफ बगावत कर दी.आज बुलढाणा के गाँधीभावन में कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद शहर में भव्य जुलूस निकाला गया जिसमें हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे.अपने निकटवर्तीय कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में योगेंद्र गोडे ने अपना निर्दलीय नामांकन पत्र दाखिल किया.पूरे बुलढाणा निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने भाजपा की सदस्यता से राजीनामा देते हुए शिवसेना का साथ नही देने का निश्चय कर रखा है.
पिछले पांच वर्षों से जनता के सुख-दुख में शामिल हो कर पूरे बुलढाणा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में अपनी अच्छी पकड बनाने के बाद बाद भाजपा-शिवसेना की युति होने पर ये सीट शिवसेना के खाते में चली गई इसी बात से नाराज़ हो कर भाजपा से इच्छुक योगेंद्र गोडे ने आज अपने हज़ारो समर्थकों की उपस्थिति में भव्य रैली निकाल कर अपना निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है.
विगत 2014 के विधानसभा चुनाव से कुछ ही दिन पहले दिवंगत पूर्व राज्यमंत्री डॉ. राजेंद्र गोडे के पुत्र योगेंद्र गोडे ने भाजपा में प्रवेश कर भजपा के टिकिट पर चुनाव लडा और अनापेक्षित रूप से भारी मत लेते हुए तीसरे स्थान पर रहे थे.निर्वाचन क्षेत्र की जनता से मिले इस प्रेम को देखते हुए डॉ. गोडे ने भी अपने स्तर पर सामाजिक कार्य को जारी रखा इसी आशा में कि, आगामी चुनाव में उन्हें फिर से भाजपा अपना प्रत्याशी बनाएगी किंतु वरिष्ठ स्तर पर भजपा-सेना में युति हो गई और बुलढाणा की सीट शिवसेना के खाते में चले गई. कार्यकर्ताओ के आग्रह को देखते हुए योगेंद्र गोडे ने युति नियम को दरकिनार रखते हुए शिवसेना प्रत्याशी संजय गायकवाड के खिलाफ बगावत कर दी.आज बुलढाणा के गाँधीभावन में कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद शहर में भव्य जुलूस निकाला गया जिसमें हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे.अपने निकटवर्तीय कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में योगेंद्र गोडे ने अपना निर्दलीय नामांकन पत्र दाखिल किया.पूरे बुलढाणा निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने भाजपा की सदस्यता से राजीनामा देते हुए शिवसेना का साथ नही देने का निश्चय कर रखा है.
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