बुलढाणा जिले मे कोरोना के मरीजों की बढती हुई संख्या को देखते हुए ज़िला प्रशासन ने 7 जुलाई से 21 जुलाई तक संपूर्ण ज़िले में लॉकडाऊन की घोषणा करते हुए अमल जारी कर दिया है.3 बजे के बाद सभी दुकाने एंव यातायात पर पाबंदी है और सभी लोगों को घरों पर रुकने की अपील प्रशासन द्वारा की गई है.इस दौरान बिना मास्क,बाइक पर डबल-ट्रिपल सीट घूमने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई की जार रही है.इस लॉकडाउन के पीछे प्रशासन का मकसद यही है कि कोरोना विषाणु की बढती हुई कडी को तोडा जाए और जिले की जनता भी प्रशासन का साथ दे रही है.इस दौरान एक बात सामने आई है कि शहर और गांव की सभी दुकाने तथा अन्य व्यापारी प्रतिष्ठान दोपहर 3 बजे बंद कर दिए जा रहे हैं किंतु शहर एंव ग्रामीण क्षेत्र के मार्गों पर मौजूद खाने की हॉटेल, ढाबे बेझिझक देर रात तक खुले ही दिखाई दे रहे हैं और इन होटलों पर शहर,गांव के लोग जमा होकर पार्टियां उडा रहे हैं.खास बात तो ये है कि इन होटलों पर अवैध शराब की भी बिक्री हो रही है.शासन आदेश अनुसार सिर्फ उन महामार्गों के ढाबे खुले रहेंगे जिन पर लंबी दूरी के ट्रक चलते है ताकि ट्रक चालकों को खाना मिल सके.बुलडाणा ज़िले में केवल दो ही महामार्ग ऐसे है जिनपर अधिक संख्या में ट्रक दौडते है जिनमें से एक मलकापुर- नांदुरा- खामगांव से गुजरनेवाला महामार्ग है जबकि दूसरा महामार्ग सिंदखेडराजा-दुसरबीड-सुलतानपुर-मेहकर-डोणगांव होकर गुजरता है.इन दोनों महामार्गों के अलावा ज़िला अंतर्गत के कई मार्ग ऐसे हैं जिनपर मौजूद होटल शुरू है और यहां खाना खाने के लिए ट्रक चालक तो नही बल्कि गांव-शहर के लोग है जो अधिकृत बियर-बार बंद होने के कारण शराब पीने के लिए पहूंचते हैं.अनाधिकृत रूप से लॉकडाउन के बावजूद भी नियम की धज्जियां उडाकर चलनेवाले इन होटलों को बंद रखना कोरोना के इस संक्रम के काल मे सब के लिए सुरक्षित साबित हो सकता है,इस तरफ ज़िला प्रशासन ने ध्यान देने की आवश्यकता है.
उचित दिशानिर्देश ही नही
शहर व गाव के बहार शुरू रहनेवाले इन हॉटेल्स के बारे मे पूछे जाने पर एक अधिकारी से बातया कि, लॉकडाउन के लिए जारी आदेश में इस विषय का कोई दिशानिर्देश नही है किंतु लॉकडाउन में ये होटलें बंद रहना चाहिए.
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