बुलढाणा - 2 अक्तुबर
शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं को भी दो गुटों में विभाजित करनेवाले बुलढाणा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए आखिर आज उम्मीदवारी घोषित कर दी गई है जिस से स्थानिक स्तर पर एक गुट तो नाराज़ ज़रूर है किंतु मुंबई में भी नाराज़ी फैली होने की खबर है.खूब चली खींचतान के बाद आखिर संजय गायकवाड़ को शिवसेना ने उम्मीदवारी दे दी है. बुलढाणा से 3 बार शिवसेना के विधायक रहे विजयराज शिंदे को पिछले 2014 के चुनाव में जनता ने चौथे स्थान पर पटक दिया था दूसरे स्थान पर मनसे के संजय गायकवाड रहे थे हालांकि ये चुनाव काँग्रेस के हर्षवर्धन सपकाल ने जीत लिया था.ये भी बताना जरूरी है कि,संजय गायकवाड़ पुराने शिवसैनिक ही है जिन्होंने विजयराज शिंदे के कारण शिवसेना को छोडकर अन्य पक्षों मे प्रवेश किया पर वे वहां लंबे समय तक टिक नही पाए.2014 के विधानसभा चुनाव के बाद बुलढाणा से शिवसेना के सांसद प्रतापराव जाधव के नेतृत्व में संजय गायकवाड़ फिर से घर वापसी करते हुए शिवसेना में आ गए और सांसद जाधव के लिए विगत लोकसभा चुनाव में जी-जान से मेहनत की इसी का नतीजा रहा कि,सांसद प्रतापराव जाधव ने मुंबई में पार्टी कार्यध्यक्ष उद्धव ठाकरे व अन्य नेताओं के सामने संजय गायकवाड को टिकिट दिए जाने की मांग की,,ऐसे में विजयराज शिंदे भी पीछे कैसे रहेते?उनके समर्थन में भी शिवसेना के कई नेता आ गए थे.वरिष्ठस्तर भी दो गुट निर्माण होने के बाद पक्ष श्रेष्ठ भी कोई उचित निर्णय नही ले पा रहे थे.शिवसेना का टिकिट किसे मिलेगा? ये उत्सुकता सभी को सता रही थी.आखिर आज सांसद प्रतापराव जाधव ने संजय गायकवाड के हाथ मे पक्ष का ए. बी.फॉर्म देकर सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है.बुलढाणा में संजय गायकवाड़ को उम्मीदवारी दिए जाने की खबर फैलते ही गायकवाड के समर्थकों ने उनके कार्यालय "मातोश्री" पर जश्न मनाया जबकि शिंदे के कार्यालय "शिवालय" में सन्नाटा था.शिवसेना से उम्मीदवारी नकारे जाने के बाद अब विजयराज शिंदे क्या कदम उठाते है इस पर सब की नजरें टिकी हुई है.
शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं को भी दो गुटों में विभाजित करनेवाले बुलढाणा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए आखिर आज उम्मीदवारी घोषित कर दी गई है जिस से स्थानिक स्तर पर एक गुट तो नाराज़ ज़रूर है किंतु मुंबई में भी नाराज़ी फैली होने की खबर है.खूब चली खींचतान के बाद आखिर संजय गायकवाड़ को शिवसेना ने उम्मीदवारी दे दी है. बुलढाणा से 3 बार शिवसेना के विधायक रहे विजयराज शिंदे को पिछले 2014 के चुनाव में जनता ने चौथे स्थान पर पटक दिया था दूसरे स्थान पर मनसे के संजय गायकवाड रहे थे हालांकि ये चुनाव काँग्रेस के हर्षवर्धन सपकाल ने जीत लिया था.ये भी बताना जरूरी है कि,संजय गायकवाड़ पुराने शिवसैनिक ही है जिन्होंने विजयराज शिंदे के कारण शिवसेना को छोडकर अन्य पक्षों मे प्रवेश किया पर वे वहां लंबे समय तक टिक नही पाए.2014 के विधानसभा चुनाव के बाद बुलढाणा से शिवसेना के सांसद प्रतापराव जाधव के नेतृत्व में संजय गायकवाड़ फिर से घर वापसी करते हुए शिवसेना में आ गए और सांसद जाधव के लिए विगत लोकसभा चुनाव में जी-जान से मेहनत की इसी का नतीजा रहा कि,सांसद प्रतापराव जाधव ने मुंबई में पार्टी कार्यध्यक्ष उद्धव ठाकरे व अन्य नेताओं के सामने संजय गायकवाड को टिकिट दिए जाने की मांग की,,ऐसे में विजयराज शिंदे भी पीछे कैसे रहेते?उनके समर्थन में भी शिवसेना के कई नेता आ गए थे.वरिष्ठस्तर भी दो गुट निर्माण होने के बाद पक्ष श्रेष्ठ भी कोई उचित निर्णय नही ले पा रहे थे.शिवसेना का टिकिट किसे मिलेगा? ये उत्सुकता सभी को सता रही थी.आखिर आज सांसद प्रतापराव जाधव ने संजय गायकवाड के हाथ मे पक्ष का ए. बी.फॉर्म देकर सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है.बुलढाणा में संजय गायकवाड़ को उम्मीदवारी दिए जाने की खबर फैलते ही गायकवाड के समर्थकों ने उनके कार्यालय "मातोश्री" पर जश्न मनाया जबकि शिंदे के कार्यालय "शिवालय" में सन्नाटा था.शिवसेना से उम्मीदवारी नकारे जाने के बाद अब विजयराज शिंदे क्या कदम उठाते है इस पर सब की नजरें टिकी हुई है.
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